Saturday, October 10, 2015

सरकारें ट्रैफिक सुधार के नाम पर कुछ करने को तैयार नहीं : हाईकोर्ट

यातायात दुरुस्त करने में सरकारों की कोशिश से बेंच असंतुष्ट
 
अमर उजाला ब्यूरो, 10th October 2015

चंडीगढ़। शहरों में यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने में सरकारों की कोशिश से हाईकोर्ट असंतुष्ट है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने कहा है कि पंजाब और हरियाणा की सरकारें ट्रैफिक सुधार के नाम पर कुछ करने को तैयार नहीं हैं। खासकर गुड़गांव के मामले में हुडा की ओर से बेतुके जवाब के बाद हाईकोर्ट ने मुख्य प्रशासक, चीफ इंजीनियर और सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर से जवाब तलब किया है। केस की अगली सुनवाई छह नवंबर को होगी।
बेंच ने उक्त अफसरों को निजी तौर पर पेश होने को कहा है। साथ ही संकेत दिया है कि इस मामले में हुडा के चेयरमैन को भी समन जारी किया जा सकता है।
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) ने जवाब में कहा है कि गुड़गांव को वाहन मुक्त नहीं किया जा सकता। जबकि एक संस्था ने हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश कर कहा है कि गुड़गांव की पुलिस की मदद से प्रत्येक मंगलवार को चार सड़कों पर कारें न चलाकर नो व्हीकल डे मनाया जा रहा है। इससे शहर के प्रदूषण में 20 फीसदी तक कमी आई है। दूसरी ओर हरियाणा और पंजाब की यातायात व्यवस्था में सुधार पर हाईकोर्ट की ओर से लिए गए स्व:संज्ञान के मामले में जस्टिस सूर्यकांत के नेतृत्व वाली डिवीजन बेंच की मदद कर रहे ट्रैफिक एक्सपर्ट नवदीप असीजा ने भी शुक्रवार को जानकारी दी। कहा कि गुड़गांव शहर की चार सड़कों पर नो व्हीकल जोन का परीक्षण सफल रहा है। मंगलवार को इन सड़कों पर चार पहिया वाहन रोके जाते हैं। नो व्हीकल डे पर हरियाणा प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने प्रदूषण पर रिपोर्ट भी दी, जिसमें पाया गया कि नो व्हीकल डे के दौरान बाकी दिनों की तुलना में प्रदूषण 20 प्रतिशत कम होता है। नो व्हीकल डे के दौरान इन चार सड़कों पर पार्किंग की भी कोई समस्या नहीं आती।
कंपनी को ठेका देने पर भी दिए सुझाव
इस पर बेंच ने सख्ती बरतते हुए कहा है कि एनजीओ ने साबित कर दिया कि यातायात पर नियंत्रण संभव है। बेंच ने यह भी पूछा है कि आखिर मदद की पेशकश करने वाली एनजीओ या एक्सपर्ट्स को ट्रैफिक सुधार अभियान में शामिल क्यों नहीं किया जा सकता। बेंच ने यह मुद्दा भी उठाया कि पिछली सुनवाई पर नवदीप असीजा ने रिपोर्ट पेश कर बताया था कि ट्रैफिक ऑडिट पर हुडा ने दिल्ली की एक कंपनी को दो करोड़ का ठेका दिया है। जबकि एक्सपर्ट व एनजीओ स्वैच्छिक तौर पर हुडा की मदद को तैयार हैं। अब बेंच ने कहा है कि जिस कंपनी को ठेका दिया गया है, उसकी ओर से ट्रैफिक सुधार में और क्या-क्या काम लिया जा सकता है, इस पर विचार किया जाए। इस दौरान ट्रैफिक एक्सपर्ट असीजा को भी साथ रखा जाए।
असीजा को सलाहकार नियुक्त किया
चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने ट्रैफिक एक्सपर्ट नवदीप असीजा को यातायात सलाहकार नियुक्त किया है। राज्य सरकार ने शुक्रवार को यह जानकारी पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच को दी। हालांकि जानकारी में नियुक्ति की शर्तें स्पष्ट नहीं की गईं। इसी पर बेंच ने नियुक्ति का समय दो साल और अन्य सुविधाएं अपने स्तर पर तय कर सरकार को उचित निर्देश जारी कर दिया है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह असीजा को ट्रैफिक एडवाइजर नियुक्त करे, लेकिन इस आदेश का पालन नहीं हो पाया था।
असीजा ने हाईकोर्ट में रिपोर्ट सौंपते हुए बताया था की पंजाब में प्रतिवर्ष होने वाले सड़क हादसों में से 36 हादसों का कारण ओवर स्पीड और नशे में ड्राइविंग है। उधर, पिछले साल किए गए चालानों में इस कैटेगरी के केवल एक प्रतिशत चालान ही हुए। रिपोर्ट में कहा गया था कि इसके मायने हैं कि पंजाब में ओवर स्पीड और नशे में ड्राइविंग नहीं रुक रही है।
रिपोर्ट में ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की कमी भी उजागर की गई थी। बताया गया था कि प्रदेश में महज 2200 ट्रैफिक स्टाफ हैं। पंजाब की जनसंख्या के हिसाब से यह संख्या नाकाफी है। पंजाब पुलिस के पास केवल 1245 एल्कोमीटर हैं और सात स्पीड गन।

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